तलवारों पे सर वार दिये अंगारों में जिस्म जलाया है तब जा के कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया है ऐ मेरी ज़मीं, अफ़सोस नही जो तेरे लिये १०० दर्द सहे महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा, चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे ऐ मेरी ज़मीं, महबूब मेरी मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे "फीका ना पड़े कभी रंग तेरा, " जिस्मों से निकल के खून कहे तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ तेरे खेतों में ਲਹਰਾਵਾਂ इतनी सी है दिल की आरज़ू सरसों से भरे खलिहान मेरे जहाँ झूम के ਭੰਗੜਾ पा ना सका आबाद रहे वो गाँव मेरा जहाँ लौट के वापस जा ना सका ओ ਵਤਨਾ ਵੇ, मेरे ਵਤਨਾ ਵੇ तेरा-मेरा प्यार निराला था कुरबान हुआ तेरी अस्मत पे मैं कितना ਨਸੀਬਾਂ वाला था तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ तेरे खेतों में…
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